बैंकिंग के प्रकार , कैसे चैक करती है बैलेंस (Type of Banking, How to check Balances)
भूमिका *
समाज में ऐसे भी लोग हैं जिनके पास आवश्यकता से अधिक धन है जब बैंकों की कमी थी लोग कम पढ़े लिखे थे अपने अतिरिक्त धन को जमीन में गाड़ कर, नींव में छिपाकर ,सोना चांदी खरीद कर सुरक्षित रखते थे फिर भी वह निश्चिंत और निर्भय नहीं थे| बैंकॉक की दो प्रभाव से यही पैसा बैंकों में जमा किया जाने लगा जो राष्ट्र के अनेक विकास कार्य और जरूरतमंदों लोगों को ऋण देने आदि मे किया जाने लगा और इसके बदले में जमा कर्ताओं को कुछ धन ब्याज के रूप में दिया जाने लगा सारांश यह कि जो धन अचल था वह चल में बदल गया| व्यापारी डिस्ट्रिक्ट कौन सी बैंकों की उपादेयता महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है व्यापारिक बैंक में बड़ी बड़ी धनराशि जमा करते हैं निकालते हैं और व्यापार में लगाते हैं बैंक की वर्तमान कार्यप्रणाली से बैंक का हर ग्राहक अपने को सुरक्षित था वह भयरहित समझ रहा है| बैंक धन जमा करने, धन उधार देने वाली संस्था के रूप में कार्य करते हैं वेतन पेंशन का भी भुगतान बैंक के खातों के माध्यम से होने लगा है यही नहीं शिक्षा संस्थानों की शुल्क, से आए वृद्धा पेंशन ,आवास ऋण सहायता आदि का भी आहरण वितरण बैंक के माध्यम से होने लगा है
खाते के प्रकार (type of account)
बैंक में हम कई तरह की खातिर खोल सकते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख आते निम्न वत है|
1.बचत खाता ( Saving Bank Account )
2. चालू खाता ( Current Account )
3. सावधि जमा खाता ( Fixed Deposit Account )
4. आवत्ति (संचयी) जमा खाता ( Recurring Deposit Account )
5. अल्पवयस्क का खाता ( Minor Account )
1. बचत खाता -----
इस खाते का मुख्य उद्देश्य, कम और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए बचत की भावना को प्रोत्साहित करना है| यह खाता बैंक द्वारा निर्धारित न्यूनतम धनराशि ₹500 जमा करके खोला जा सकता है हम अपने बचत खाते से धन निकालने के लिए आहरण फार्म (Withdrawal form) या चेक भरका धन निकाल सकते हैं खाते में न्यूनतम राशि ₹1000 रखने पर जमा करता को बैंक से चेक बुक भी प्राप्त हो सकती है
2.चालू खाता -----
बड़े व्यापारी कंपनियां निगम और संस्थाएं नगद लेनदेन नहीं करते हैं बी चेक द्वारा ही लेनदेन करते हैं इसीलिए मैं बैंक में चालू खाता खोलते हैं इस खाते में बैंक जमा धनराशि पर कोई ब्याज नहीं देता परंतु इसमें बचत खाते की अपेक्षा धन को कई बार निकाला या जमा किया जा सकता है कभी-कभी बैंक खाता धारी से नाममात्र की फीस लेता है वर्तमान में चालू खाता खोलने पर 1 वर्ष में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 50 रुपए सेवा शुल्क भी ( सर्विस चार्ज ) के रूप में लिया जाता है |
3.सावधि जमा खाता----
इसमें धन निश्चित अवधि के लिए जमा किया जाता है बैंक खाता धारी को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है इस प्रमाण पत्र पर राशि समय ब्याज दर ब्याज की अदायगी की विधि और जमा का प्रकार आदि लिखा रहता है खाता धारी अवधि की समाप्ति पर धन निकालता है फिर भी खाता धारी की आवश्यकता पर परिपक्वता की अवधि के पूर्व भी ब्याज दर में कटौती भुगतान किया जा सकता है सावधि जमा में ब्याज दर की बचत की अपेक्षा अधिक होती है जिसमें ब्याज वार्षिक, छमाही या तिमाही परी कलित किया जाता है|
समय के अनुसार ब्याज दरें निम्न होती है
1. 15 दिन से 45 दिन तक। 5%
2. 46 दिन से 169 दिन तक। 6.25%
3. 180 दिन या अधिक परंतु 1 वर्ष से कम 7%
4. 1 वर्ष या अधिक परंतु 2 वर्ष से कम। 8%
5. 2 वर्ष या अधिक परंतु 3 वर्ष से कम। 9%
6. 3 वर्ष और अधिक के लिए। 10%
उपयुक्त ब्याज दर परिवर्तनीय है |समय - समय पर बैंक के निर्देशानुसार ब्याज दर में परिवर्तन होता रहता है
4.आवर्ती या संचायी जमा खाता -----
इसमें एक निश्चित धन (₹5 या ₹10 की गुणांक के रूप में होना चाहिए) प्रतिमाह निश्चित अवधि ( जो समय से कम 12 माह, अधिक से अधिक 10 वर्ष) तक जमा करना होता है| इस खाते में ब्याज की दरें बचत खाते की दर की अपेक्षा अधिक होती हैं यह योजना उन व्यक्तियों के लिए उपयोगी है जो नियमित रूप से अल्प धनराशि जमा करना चाहते हैं आवर्ती जमा योजना डाकघरों में भी संचालित है| और इनकी ब्याज की दरें बैंक की ब्याज दरों से अधिक होती है|
5. वयस्क का खाता-----
18 वर्ष की आयु से कम आयु वाला व्यक्ति अल्प वयस्क कहलाता है अल्प वयस्क व्यक्ति को भी बैंक में खाता खोलने का अधिकार है वह चालू खाता खोलने का अधिकारी नहीं होता अल्प वयस्क व्यक्ति या तो अपने नाम से खाता खुल सकता है या अपने और अपने अभिभावक के संयुक्त नाम से अल्प वयस्क की आयु कम से कम 12 वर्ष होनी चाहिए |12 वर्ष से कम स्थिति में केवल अभिभावक ही खाता खोल सकते है|
बैंक ड्राफ्ट----
डाकघरों में पत्रों की भांति धन भी एक स्थान से दूसरे स्थान को मनीआर्डर पत्र के माध्यम से भेजा जा सकता है इसी प्रकार बैंक भी धन स्थानांतरण के लिए बैंक मांग पत्र या बैंक ड्राफ्ट निर्गत करते हैं बैंक ड्राफ्ट बैंक की एक शाखा का अपनी ही किसी अन्य शाखा के नाम पर आज्ञा के रूप में होता है जिसमें एक नियमित राशि उस व्यक्ति को दिए जाने का आदेश है जिसके नाम ड्राफ्ट निर्गत किया गया है धन भेजने वाला व्यक्ति एक निर्दिष्ट राशि बैंक को देखकर ड्राफ्ट बनाता है बैंक धन पाकर ड्राफ्ट निर्गत करता है ड्राफ्ट में अधिकृत व्यक्ति अर्थात जिसका नाम बैंक ड्राफ्ट में उल्लेखित हो बैंक की निर्मित शाखा में ड्राफ्ट प्रस्तुत किया करता है साथ ही अपने खाते में डाल देता है उसका भुगतान उसी के खाते के माध्यम से किया जाता है ध्यान रहे ड्राफ्ट निर्गत करने वाली शाखा स्थानांतरित होने वाली धनराशि पर बैंक के नियम के अनुसार कुछ कमीशन लेती है
मूल्यवान वस्तुओं की सुरक्षा (लॉकर)
बैंक जहां धन संबंधित कार्य करते हैं वही कीमती वस्तुएं आभूषणों दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए भी व्यवस्था करते हैं इस कार्य के लिए बैंक के पास अति सुंदर कक्ष होते हैं जिनमें लॉकर की व्यवस्था होती है दृष्टि राय देख कर कोई व्यक्ति बैंक के स्ट्रांग रूम में रखी अलमारी में एक लॉकर किराए पर ले सकता है लॉक कर दो कुंजियां (चाबियों) केलगाने पर खुलता बंद होता है एक चाबी लॉकर किराए पर लेने वाले को दी जाती है और दूसरी चाबी जिसे मास्टर कि कहते हैं बैंक में रखी ली जाती है बैंक के लॉकर में रखी वस्तुओं की जानकारी बैंक वालों को भी नहीं हो पाती है लॉकर खोलने के लिए बैंक का कर्मचारी मास्टर की लगाकर 1 तारीख को खोलकर अलग हट जाता है और वह व्यक्ति अपने चाबी लगाकर लॉकर को खोल लेता है
धन निकालने की विधियां----
(1) निकासी फॉर्म द्वारा---
आहरण फॉर्म बैंक से निशुल्क मिलता है ग्राफ फॉर्म को भली-भांति भरकर बैंक में पासबुक सहित प्रस्तुत करता है अधिकारी हस्ताक्षर सहित अन्य तथ्यों की मिलान जांच करते हैं उपयुक्त पाए जाने पर गिरा को दिए दिया जाता है
(2) चेक द्वारा---
आरयन प्रपत्र की तरह चेक भी बैंक द्वारा निर्गत एक छपी हुई पर्ची के रूप में होता है चेक ऊपर एक संख्या पड़ी होती है तथा यह ग्राहक को 10 ,20 ,25 या 100 चाकू की पुस्तकों के रूप में दी जाती है बैंक चेक बुक के लिए ह ग्राहक से नगद मूल्य प्राप्त करता है नगद ना मिलने पर वह खाते से चेक बुक के मूल्य की धनराशि काट ली जाती है
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